शेयर बाजार की चाल को समझना किसी भी व्यापारी या निवेशक के लिए जरूरी होता है। प्रतिरोध और समर्थन यानी (Resistance and Support) तकनीकी विश्लेषण के बुनियादी हिस्से हैं। ये दोनों शब्द भले ही आसान लगें, लेकिन बाजार के व्यवहार को समझने और सही फैसले लेने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
प्रतिरोध (Resistance) क्या है?
प्रतिरोध वह मूल्य स्तर होता है जहां किसी शेयर या संपत्ति की कीमत बढ़ने में मुश्किल होती है। इसे हम इस तरह समझ सकते हैं कि जब कीमत एक निश्चित स्तर पर पहुंचकर रुक जाती है और आगे नहीं बढ़ती, तो उसे प्रतिरोध कहते हैं। इस स्तर पर बिकवाल ज्यादा होते हैं, जिससे कीमत ऊपर नहीं बढ़ पाती।
उदाहरण के लिए, अगर किसी स्टॉक की कीमत बार-बार 200 रूपये पर पहुंचकर नीचे आ जाती है, तो 200 रूपये उस स्टॉक का प्रतिरोध (Resistance) स्तर कहलाएगा।
समर्थन (Support) क्या है?
समर्थन वह मूल्य स्तर होता है जहां किसी शेयर या संपत्ति की कीमत गिरने में मुश्किल होती है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि जब कीमत एक निश्चित स्तर पर गिरकर रुक जाती है और नीचे नहीं जाती, तो उसे समर्थन कहते हैं। इस स्तर पर खरीदार ज्यादा होते हैं, जिससे कीमत नीचे नहीं गिर पाती।
उदाहरण के लिए, अगर किसी स्टॉक की कीमत बार-बार 200 रूपये पर गिरकर फिर से ऊपर चढ़ जाती है, तो 200 रूपये उस स्टॉक का समर्थन (Support) स्तर कहलाएगा।
प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) का बदलना
प्रतिरोध और समर्थन स्तर स्थिर नहीं होते। समय के साथ ये बदलते रहते हैं। जब कोई प्रतिरोध स्तर टूट जाता है, तो वह नया समर्थन स्तर बन सकता है और जब कोई समर्थन स्तर टूट जाता है, तो वह नया प्रतिरोध स्तर बन सकता है। इसे ‘भूमिका परिवर्तन’ कहते हैं।
ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन
जब कीमत प्रतिरोध स्तर को पार कर जाती है, तो उसे ब्रेकआउट कहते हैं और जब कीमत समर्थन स्तर से नीचे गिर जाती है, तो उसे ब्रेकडाउन कहते हैं। ब्रेकआउट का मतलब है कि खरीदारी का दबाव बढ़ गया है और कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। वहीं, ब्रेकडाउन का मतलब है कि बिक्री का दबाव बढ़ गया है और कीमतें और नीचे जा सकती हैं।
प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) का परीक्षण
कीमतें कई बार प्रतिरोध और समर्थन स्तरों का परीक्षण करती हैं। यानी, कई बार इन स्तरों पर आकर रुकती हैं या पलट जाती हैं। जितनी बार कोई स्तर परीक्षण होता है, उतना ही वह मजबूत माना जाता है।
गलत ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन
हर ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन सच नहीं होता। कई बार कीमतें अस्थायी रूप से स्तरों को पार करती हैं लेकिन फिर वापस आ जाती हैं। इसे गलत ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन कहते हैं। इसे समझने के लिए व्यापारी दूसरे संकेतों जैसे बढ़ी हुई ट्रेडिंग वॉल्यूम (मात्रा) को देखते हैं।
वॉल्यूम (Volume) की भूमिका
ट्रेडिंग वॉल्यूम प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) स्तरों को समझने में मदद करती है। अगर किसी स्तर पर ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा होती है, तो वह स्तर उतना ही मजबूत माना जाता है। जैसे, अगर किसी ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम ज्यादा हो, तो कीमतें और ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाती है।
मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological Factors)
मनोवैज्ञानिक कारक भी प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) स्तरों को प्रभावित करते हैं। लोग अपनी भावनाओं, जैसे भय और लालच, के आधार पर निर्णय लेते हैं। जैसे, अगर किसी स्तर पर लोग सोचते हैं कि कीमत बहुत बढ़ गई है और बेचने लगते हैं, तो वह प्रतिरोध स्तर बन जाता है। इसी तरह, अगर किसी स्तर पर लोग सोचते हैं कि कीमत बहुत गिर गई है और खरीदने लगते हैं, तो वह समर्थन स्तर बन जाता है।
राउंड नंबर्स और मनोवैज्ञानिक बाधाएं
पूर्ण संख्या जैसे 100, 200 अक्सर प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) स्तर बनते हैं। ये मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि लोग इन्हें आसानी से याद रखते हैं और इनके आधार पर निर्णय लेते हैं।
ट्रेडिंग रणनीतियों में प्रतिरोध और समर्थन (Resistance and Support) का उपयोग
प्रतिरोध और समर्थन का उपयोग कई ट्रेडिंग रणनीतियों में किया जाता है:
1. रेंज ट्रेडिंग
इसमें समर्थन स्तर पर खरीदना और प्रतिरोध स्तर पर बेचना शामिल होता है। यह स्थिर बाजार में अच्छा काम करता है।
2. ब्रेकआउट ट्रेडिंग
इसमें ब्रेकआउट के समय खरीदारी और ब्रेकडाउन के समय बिक्री की जाती है। यह रणनीति तीव्र बाजार में अच्छा काम करती है।
3. पुलबैक ट्रेडिंग
इसमें ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन के बाद कीमत के वापस आने का इंतजार किया जाता है और फिर ट्रेड किया जाता है। इससे जोखिम कम होता है और संभावित मुनाफा बढ़ता है।
4. ट्रेंडलाइन ट्रेडिंग
इसमें प्रतिरोध और समर्थन स्तरों को जोड़कर ट्रेंडलाइन बनाई जाती है और उसी के आधार पर खरीदारी या बिक्री की जाती है।
निष्कर्ष
प्रतिरोध और समर्थन तकनीकी विश्लेषण के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। इन्हें समझने से व्यापारी सही निर्णय ले सकते हैं और बाजार के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। चाहे आप नए हों या अनुभवी, इन अवधारणाओं को समझना और उपयोग करना बाजार में सफल होने के लिए जरूरी है। इनका उपयोग अन्य विश्लेषणात्मक उपकरणों और रणनीतियों के साथ मिलाकर करने पर सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं।
2 thoughts on “Resistance and Support तकनीकी विश्लेषण के आधार”